चन्द्र भूषण बिजल्वाण "उत्तरखंड विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान-2022"से होंगे सम्मानित , पुरोला क्षेत्र में खुशी की लहर
पुरोला/उत्तरकाशी
जनपद के पुरोला तहसील निवासी शिक्षक चन्द्र भूषण बिजल्वाण आठ सितम्बर को देहरादून में आयोजित एक कार्यक्रम में"उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान-2022"से सम्मानित किए जाएंगे। पहले भी इन्हें विभिन्न क्षेत्रों में राज्य स्तरीय व राष्ट्रीय स्तरीय सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है
उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र देहरादून(सूचना एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग)की निदेशक प्रो अनिता रावत द्वारा जारी पत्र में इस आशय की पुष्टि हुई है। यह सम्मान अध्यापक कान्क्लेव में दिया जाएगा।च।वर्तमान में बिजल्वाण राजकीय आदर्श उच्च प्राथमिक विद्यालय पुजेली पुरोला में प्रधानाध्यापक के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
मूल रूप से ग्राम पोरा, विकासखंड पुरोला के निवासी शिक्षक चन्द्रभूषण बिजल्वाण ने शिक्षा ,विज्ञान ,साहित्य संस्कृति ,नवाचार सहित लोक संस्कृति के क्षेत्र में कई उत्कृष्ट कार्य किये हैं।श्री बिजल्वाण ने बताया कि
वे बाल विज्ञान कांग्रेस मे 2009 से प्रतिभाग कर रहे हैं और लगातार अपने आस पास की समस्याओं पर छात्रों से शोध करवाते रहे है ।वर्ष 2015 से उनके विद्यालय की टीमों ने राज्य स्तर पर 6 बार तथा एक बार राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभाग किया है । वे छात्रो मे वैज्ञानिक तरीके से सोच विकसित करने का लगातार प्रयास करते रहे है। उन्होंने बताया कि निश्चित रूप से मेरे विद्यालय की टीम ने गम्भीरता के साथ शोध कर कुछ समाजोपयोगी तथ्य विचार सामने लाये है ।जिसमे लाल चावल की खेती जिसने क्षेत्र को एक विशेष पहचान मिली है ।उस पर हमारा शोध विशेष महत्वपूर्ण था ।इसका सीधा फायदा किसानो को हुआ है । इसके स्वाद के साथ औषधीय गुण के बारे मे जब प्रचार प्रसार हुआ तो लाल चावल की मांग दिनो दिन बढने लगी बढने लगी ।आज क्षेत्र मांग पूरी नही कर पा रहा है ।दूसरा शोध घरेलू जडी बूटी पर था हमारी टीम ने पेट दर्द ,सिर दर्द ,जुकाम बुखार ,सुगर ,आदि की जडी बूटियां पर शोध किया है । जिसमे मुख्यत तुलसी है जो कि राष्ट्रीय स्तर के लिए चयनित हुआ, तुलसी से दो सौ से अधिक बीमारियों का ईलाज सम्भव है ।
चन्द्रभूषण बिजल्वाण ने कोरोना काल में छात्र-छात्राओं को अपने आवास पर एकत्र कर निशुल्क पठन पाठन कराया था। जो गरीब छात्र स्कूल आने के लिए स्वयं से गाड़ी का किराया नहीं वहन कर सकते हैं उनके लिए उन्होंने स्कूल आने के लिए स्वयं के खर्चे से वाहन उपलब्ध करवाया गया है। इसके अतिरिक्त चन्द्रभूषण बिजल्वाण एक समाजसेवी व लेखक, कवि भी हैं।क्षेत्र के लोगों ने उनको सम्मानित होने पर खुशी की लहर है तथा सभी क्षेत्र वासियों ने सम्मानित किए जाने पर उन्हें बधाई दी है।
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