यूनिफॉम सिविल कोड के प्रारूप को लेकर पीजी कालेज ऑडिटोरियम में आम नागरिकों के साथ परिचर्चा

राजेश रतूड़ी
उत्तरकाशी : शुक्रवार को राज्य स्तरीय समान नागरिक संहिता विशेषज्ञ समिति के सदस्यों द्वारा  समान नागरिक संहिता के प्रस्तावित 
(यूनिफॉम सिविल कोड) के प्रारूप को लेकर पीजी कालेज ऑडिटोरियम में आम नागरिकों के साथ परिचर्चा कर सुझाव लिए। परिचर्चा के दौरान उपस्थित प्रबुद्वजनों,गणमान्य नागरिकों, महिलाओं द्वारा समिति को अपने-अपने सुझाव दिए। 

            समिति के पूर्व मुख्य सचिव सदस्य शत्रुघन सिंह, दून विश्वविद्यालय उप कुलपति डा.सुरेखा डंगवाल,समाजसेवी डा.मनु गौड़ ने व्यक्तिगत नागरिक मामलों को नियंत्रित करने वाले कानून व समान नागरिक संहिता की रूपरेखा के बारे में जानकारी दी। समिति ने विवाह, तलाक,गोद लेना,सम्पति का अधिकार, लिविंग रिलेशनशिप, समलैंगिकता और जनसंख्या नियंत्रण आदि को लेकर परिचर्चा की और सुझाव लिए।गणमान्य,प्रबुद्धजन,समाजसेवी, युवाओं एवं महिलाओं द्वारा उक्त विषय पर अपने सुझाव दिए। 

 प्रोफेसर मधु थपलियाल ने नए दौर के समाज में लिविंग रिलेशनशिप को अनिवार्य रूप से पंजीकृत करने एवं लड़के और लडक़ी की उम्र 18 और 21 वर्ष से अधिक करने पर अपने सुझाव दिए।  अधिकांश प्रबुद्धजनों द्वारा लड़के और लड़की की शादी की उम्र 23 वर्ष से अधिक बढ़ाने के सुझाव दिए। साथ ही महिलाओं को पुरुषों के बराबर संपत्ति का अधिकार दिए जाने पर भी सुझाव दिए गए।
      परिचर्चा के दौरान गणमान्य एवं प्रबुद्धजनों द्वारा स्थानीय परम्पराओं के अनुरूप एक राज्य एक कानून बनाने पर अपने सुझाव दिए। दिनेश गौड़ ने देशकाल परिस्थिति के अनुरूप एक पुरूष की जीवित पत्नी के दूसरी शादी नही होनी चाहिए का सुझाव दिया। पूर्व ग्राम प्रधान पुष्पा चौहान ने महिलाओं को सम्पति के अधिकारों के साथ ही महिलाओं को किसान का दर्जा देने पर अपने सुझाव दिए।बीएससी की छात्रा दिव्यांशी पंवार ने लड़कियों की शादी की उम्र 23 वर्ष करने और लड़कों की 25 वर्ष करने पर अपने सुझाव दिए।  समाजसेवी नागेन्द्र थपलियाल, प्रताप बिष्ट संघर्ष, अमरीकन पुरी, माधव जोशी, दिनेश भट्ट छात्र हर्षवर्धन कोहली सहित कई गणमान्य लोगों ने उक्त विषय पर अपने सुझाव समिति को दिए।

समिति के सदस्य पूर्व मुख्य सचिव ने बताया कि उत्तरकाशी के लोगो ने समान नागरिक सहिता पर खुलकर अपने विचार रखे हैं। समिति उत्तराखंड में अलग अलग परम्पराओं और मान्यताओं को लेकर अध्यन्न कर रही है। सभी बातों का विश्लेषण करने के बाद नियमो में और कानुनो में जो भी परिवर्तन करने होंगे उस पर विचार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि समिति के द्वारा आधा कुमाऊ और 80 प्रतिशत गढ़वाल के लोगो से सुझाव ले चुके हैं पूरे प्रदेश में सभी जगह के लोगो से विचार विमर्श किया जाएगा।
          इस दौरान  जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला,एसपी अपर्ण यदुवंशी,सीडीओ गौरव कुमार,एसडीएम चतर सिंह चौहान,मीनाक्षी पटवाल, प्राचार्य पीजी कालेज सविता गैरोला सहित प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधि एवं गणमान्य लोग मौजूद रहे।


 

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