धनुष खंडन और परशुराम-लक्ष्मण संवाद के दृश्य रामलीला में आकर्षण का केंद्र रहे

राजेश रतूडी
उत्तरकाशी, 4 जून :  डुंडा ब्लॉक ग्राम पंचायत मुसड़गांव में चल रही रामलीला के चौथे दिन धनुष खंडन और परशुराम-लक्ष्मण संवाद दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। यहां
              श्री आदर्श रामलीला समिति मुसड़गांव की ओर से आयोजित रामलीला के चौथे दिन मिथिला के राजा जनक की ओर से आयोजित सीता स्वयंवर में लंकापति रावण समेत दूसरे राजा धनुष नहीं उठा सके तो सभा में सन्नाटा छा गया। राजा जनक ने कहा कि यह पृथ्वी वीरों से हीन हो गई है, राजा जनक की यह बात सुनकर लक्ष्मण क्रोध से आगबबूला होकर बोले जहां रघुवंश का एक भी व्यक्ति मौजूद हो वहां इस तरह की बातें नहीं की जातीं। यदि गुरु की आज्ञा पाऊं तो पूरे ब्राह्मांड को उठाकर कच्चे घड़े की तरह फोड़ डालूं तब लक्ष्मण को राम शांत करते हैं। इसके बाद गुरु विश्वामित्र ने श्रीराम को राजा जनक का संताप दूर करने के लिए धनुष उठाने के लिए भेजा। भगवान राम के हाथ धनुष टूटा तो पंडाल में बैठे दर्शकों ने जय श्रीराम के जोरदार जयकारे लगाए। उधर, शिव धनुष टूटते ही शिव भक्त परशुराम जनकर दरबार में  पहुंचे । इसके बाद  परशुराम-लक्ष्मण संवाद दर्शकों ने खूब सराहा जनकपुरी में सीता के स्वयंवर से उत्सव से रामलीला पांडाल में दर्शकों में खुशी का माहौल देखने को मिला। रावण के पात्र राम संजीवन, लक्ष्मण के पात्र हरिशंकर व परशुराम के पात्र सचिन नौटियाल ने सुंदर अभिनय  कर दर्शकों की खूब तालियां बटोरी। 
              इस मौके पर  फर्माशिष्ट दिनेश भट्ट एवं आद्य शंकराचार्य शिक्षण संस्थान के पूर्व  प्रधानाचार्य रमेश भट्ट , समिति के सरंक्षक सूर्यमणि,पूर्णांनंद, सचिव सुरेन्द्र नौटियाल, कोषाध्यक्ष गंगा सागर सहित लीला मास्टर राजेश, कृपा शंकर, इंद्रमणि, सूर्य प्रकाश, इंदु् प्रकाश, महेश,पवन,पंकज, दीन दयाल, हर्षमणि, नत्थी राम नौटियाल  आदि ने सहयोग किया। 







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