इस बार हरेला पर्व को ‘पर्यावरण की रखवाली, घर-घर हरियाली, लाये समृद्धि और खुशहाली‘ थीम पर मनाया जाएगा

राजेश रतूड़ी
उत्तरकाशी  : आगामी 16 जुलाई से जिले में संचालित होने वाले ’हरेला पर्व’ पर वृहद वृक्षारोपण अभियान को लेकर जिले में विभिन्न विभागों के ने व्यापक स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है।  वृक्षारोपण के लिए गांव-गांव तक पौधों की आपूर्ति तथा गड्ढे तैयार करने की मुहिम चल रही है। जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने अधिकारियों को इस अभियान को लेकर ग्राम स्तर तक पूरी तैयारी सुनिश्चित कर व्यापक जन-भागीदारी के साथ संचालित करने के निर्देश दिए है और कहा है कि हरेला के दिन तक सभी जगहों पर रोपण हेतु पौधों की आपूर्ति सुनिश्चित कर ली जाय। हरेला पर्व से शुरू होने वाले वृहद वृक्षारोपण अभियान के दौरान 50 प्रतिशत फलदार और चारा प्रजाति के पौधों का रोपण किया जाएगा । प्रशासन के द्वारा अभियान के शुरुआती तीन दिनों में कुल लक्ष्य का 50 फ़ीसदी वृक्षारोपण कार्य संपन्न कराने की कार्ययोजना तय कर सभी विभागों को निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
 शासन के निर्देशानुसार इस वर्ष हरेला पर्व की थीम ‘पर्यावरण की रखवाली, घर-घर हरियाली, लाये समृद्धि और खुशहाली‘ रखा गया है। इस अभियान में प्रत्येक परिवार के माध्यम से दो पौध रोपित करने के साथ ही जिले के सभी विद्यालयों, ग्राम पंचायतों, वन पंचायतों में वृक्षारोपण करने की कार्ययोजना तय की गई है। नगर निकायों और कार्यालयों व आवासीय परिसरों में भी फलदार व शोभाकार वृक्षारोपण करने की भी योजना बनाई गई है। अभियान के दौरान  ‘सारा‘ के तहत जल संरक्षण गतिविधियों के लिए चिन्हित 20 सहायक नदियों एवं 60 जल स्रोतों के साथ ही  अमृत सरोवरों के किनारे भी बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण करने की तैयारी की जा रही है। अभियान के दौरान नींबू, अमरुद, अखरोट, खुबानी, आडू, पुलम, किन्नू और आंवला जैसे फलदार वृक्षों का भी बड़े पैमाने पर रोपण किए जाने का निश्चय किया गया है।  वन्य और चारा प्रजाति के पौधों में देवदार भीमल, बांज, डैकण, कचनार के  साथ ही रिंगाल और बांस का भी रोपण किया जाएगा। 
वृहद वृक्षारोपण अभियान में मुख्य तौर पर वन विभाग, ग्राम्य विकास विभाग, कृषि, उद्यान, जलागम, पंचातीराज,  शिक्षा विभाग, शहरी विकास विभाग, बाल विकास विभाग आदि विभाग अग्रणी भूमिका निभाएंगे।  पीआरडी, होमगार्ड, एनएसएस एनसीसी और आईटीबीपी जैसे संगठनों एवं विभिन्न गैर सरकारी संगठनों का भी अभियान में सक्रिय सहयोग लिया जाएगा। इस अभियान में ग्राम व वन पंचायतों के साथ ही युवक व महिला मंगल दलों, स्वयं सहायता समूहों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है।

            जिलाधिकारी ने कहा कि पर्यावरण  संरक्षण के इस अनूठे व महत्वपूर्ण अभियान में जनप्रतिनिधियों और आम लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के साथ ही हरेला पर्व से तीन दिनों की अवधि के लिए विभागवार तय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए परस्पर समन्वय कायम रख जुट जांय। इस काम में लापरवाही या शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी जय किशन, प्रभागीय वनाधिकारी अपर यमुना वन प्रभाग रविन्द्र पुंडीर  सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।






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