क्षेत्र पंचायत निधि से बन रहे नव निर्मित शौचालय पर जिला पंचायत ने लगाया दो लाख की लागत का बोर्ड, शौचालय के ढह जाने पर हुआ खुलासा

राजेश रतूड़ी 
उत्तरकाशी  : तहसील मुख्यालय भटवड़ी में भास्करेश्वर महादेव मन्दिर के पीछे डेड लाख रुपए की लागत से बना शौचालय भर भरा कर गिर गया जिससे कार्यदाई संस्था पर सवाल खड़े हो रहे है जब मुख्यालय में एंसी स्थिति है तो दूरदराज की क्या हालत होंगे।
        बतादे क्षेत्र पंचायत निधि से डेड लाख की लागत से बने शौचालय पर जिला पंचायत के द्वारा दो लाख की लागत का बोर्ड लगवाकर  भटवाड़ी में भास्करेश्चर मन्दिर के पीछे शौचालय का निर्माण करना दिखाया गया था मामला तब उजागर हुआ जब नव निर्मित शौचालय भर भरा कर गिर गया। इस शौचालय का निर्माण इसलिए किया जा रहा था  ताकि मन्दिर में आनेवाले श्रद्धालुओं व साधु  सन्याशियो को दिक्कतों का सामना न करना पड़े किन्तु यहां पर बना शौचालय एक बरसात भी नहीं झेल पाया और धराशाई हो गया जिससे कार्यदाई संस्था पर सवाल उठने लज्मी है। 
         वहीं जब इस मामले को लेकर बीडीओ डॉ अमित ममगाईं से पूछा गया तो उन्होंने चोकाने वाला खुलासा किया उन्होंने बताया कि जिस स्थान को ब्लॉक के जेई ने शौचालय बनाने के लिए चुना था मन्दिर के पुजारी व अन्य लोगो ने इसे दूसरी जगह बनाने का दबाव बनाया था इस शौचालय में केवल ब्लॉक के द्वारा ही पैसा लगाया जा रहा था अभीतक जिसका भुगतान भी नहीं हुआ है उन्होंने बताया कि उन्हें कुछ दिन पहले पता चला था कि नव निर्मित शौचालय पर जिला पंचायत ने भी दो लाख की लागत का बोर्ड लगाया है जिसकी मोखिय शिकायत उन्होंने एसडीएम डुंडा जो कि जिला पंचायत के एएमओ चार्ज में है से की उन्होंने बताया कि आनेवाले दिनों में उक्त प्रकरण की जांच होनी थी बीडीओ भटवारी का कहना है कि  प्रथम दृष्टि में यह लग रहा है कि न तो मंगलवार रात्रि को रात इतनी बारिश हुई कि शौचालय ढह जाय और इसमें काम भी सही ढंग से हुआ था उनका कहना है कि जॉच के डर से इसे साजिस के तहत ढहाया गया है  उन्होंने मामले को जॉच करवाने की बात कही है  तथा दुबारा से इसका निर्माण कराया जाएगा। बीडीओ भटवाड़ी की बातो में कितनी सच्चाई है यह तो समय ही बताएग।
      अब देखना यह होगा कि आखिर इस मामले की जॉच होती भी है कि नहीं या फिर यह मामला यू ही राजनीति की भेंट चड़कर दब जाएगा यह तो आनेवाला समय ही बताएगा जबकि जिला पंचायत के द्वारा भटवाड़ी में अन्य जगहों पर कराए गए कार्यों में  पहले भी लीपा पोती कर खानापूर्ति करने को लेकर सवाल उठ चुके है।






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