सावन के महीने में भस्करेश्चर मन्दिर में जप,तप,व्रत और दान करने से होती है मनोवांछित फ्लो की प्राप्ति : प० महादेव

राजेश रतूड़ी
भटवाड़ी/उत्तरकाशी : यदि आप निसंतान है और संतान का सुख पाना चाहते हो या आपकी कुंडली में काल सर्प दोष है और इन सभी दुखो का निवारण करना चाहते हो तो चले आइए भटवाड़ी के भस्करेश्वर मन्दिर में यहां पर सावन के महीने में एक माह तक जप, तय, व्रत व दान आदि करने से पुण्य अर्जित होता है तथा सभी म्नोवांछित फलों की प्राप्ति होती है। 
            गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर पड़ने वाले भटवाड़ी कस्बे 
मे राजमार्ग से महज 200 मीटर की दूरी पर पौराणिक शिव मन्दिर विराज़मान् है। जिसका वर्णन केदार खंड मे मिलता है। उल्लेख है कि इस स्थान पर भगवान् सूर्य ने ब्राह्मण के वेश मे जल कुंड में चिप कर भगवान शिव की तपस्या की थी भगवान सूर्य की तपस्या से खुश होकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए तथा वरदान दिया कि इस स्थान में स्थित शिव लिंग की पूजा भास्करेश्वर महादेव के नाम से होगी। भटवाड़ी कस्बे का कालांतर में नाम भास्कर प्रयाग हुआ करता था। यहां पर तीन नदियों गंगा ,नवला और शंख धारा का संगम होता है जिस कारण कालांतर में इस स्थान को भास्कर प्रयाग के नाम से जाना जाता रहा है। सावन के महीने में इस स्थान की महिमा और भी बड़ जाती है सावन में भास्करेश्चर मन्दिर में जप, तप,व्रत व दान करने से मनोवाछित फलो की प्राप्ति होती है। सावन के महीने में मन्दिर में हर वर्ष मन्दिर के पुजारियों के द्वारा एक माह तक शिव महापुराण की कथा का आयोजन किया जाता है। मन्दिर के पुजारी प० महादेव नौटियाल ने बताया कि सावन के महीने में संतान सुख से वंचित लोगो को यहां पर मन से पूजा अर्चना करने पर संतान सुख की प्राप्ति होती है इसके अलावा यदि किसी की जन्म कुंडली में काल सर्प दोष है तो सावन के महीने में मन्दिर में उसका निवारण किया जाता है।






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