विश्व हेपेटाईटिस दिवस के अवसर पर गोष्ठी का आयोजन

राजेश रतूड़ी
उत्तरकाशी :  स्वास्थ्य विभाग, उत्तरकाशी के द्वारा रविवार को विश्व हेपेटाईटिस दिवस के अवसर पर गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें सामान्य जन समुदाय व अस्पताल प्रशासन के लोगो ने प्रतिभाग किया।
         गोष्ठी के अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बी० ऎस ० ने सभी उपस्थित आम जनमानस एवं चिकित्सालय के कार्मिकों को हेपेटाईटिस के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुख्यतः पाँच प्रकार के हेपेटाईटिस वायरस ए, बी, सी, डी एवं ई होते हैं इनमें से सबसे खतरनाक वायरस हिपेटाइटिस बी होता है। लीवर और किडनी दो ऐसे अंग हैं जिनका आपस में गहरा संबंध है क्योंकि  लीवर  में पैदा होने वाले विषाक्त तत्वों (टॉक्सिन्स) को शरीर से बाहर निकालने का काम गुर्दे (किडनी) ही करते हैं। हेपेटाईटिस रोग में लीवर में सूजन और क्षति पहुंचने है जिसका असर किडनी पर पड़ता है। उन्होंने बताया कि विभिन्न प्रकार के हेपेटाईटिस रोगों में किडनी को नुकसान आमतौर पर हेपेटाईटिस बी और सी की वजह से पहुंचता है। ये दोनों संक्रमण साझाा की गई सुइयों, संक्रमित द्रव्यों और रक्त चढाने पर होते हैं। वहीं प्रमुख अधीक्षक डॉ पी एस पोखरियाल ने भी गोष्ठी में उपस्थित लोगों को  सुझाव दिया कि सभी स्वयं एवं अपने परिवारजनों का हेपेटाईटिस का टीका अवश्य लगवायें। डॉ0 पोखरियाल ने हेपेटाईटिस के लक्षण, कारण एवं रोकथाम के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। साथ ही समाज के अन्य सभी नागरिकों से जागरूकता करने की अपील की। जिला क्षयरोग अधिकारी  डॉ कुलबीर
राणा ने जानकारी दी  कि सभी स्वस्थ शिशुओं को 24 घण्टें के भीतर हिपेटाइटिस जीरो की डोज दी जा सकती है। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बी एस पांगती ने ललउपस्थित लोगों को शराब के सेवन से बचने एवं अपने आसपास  के लोगों को भी जागरूक किए जाने का आह्वान किया। इसके साथ ही अन्य उपस्थित वक्ताओं  ने भी हेपेटाईटिस वायरस के  में बारे में अपने विचार व्यक्त किए।
        इस अवसर पर डॉ0 अमिता डोगरा, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से अधिवक्ता पमिता थपलियाल, पवन चंदेल, अनिल बिष्ट, अजय बिष्ट, गिरीश व्यास, राकेश उनियाल, मनोज भट्ट, प्रमोद नौटियाल, राम संजीवन, हरी शंकर नौटियाल आदि मौजूद रहे।







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