केसे करे शिवरात्रि को शिव पूजन , क्या है जलाविशेक का सही समय जानिए ,आचार्य अमित रतूडी के साथ "गंगोत्री मेल" की खास बातचीत

राजेश रतूड़ी
उत्तरकाशी :  केसे करे शिवरात्रि को शिव पूजन क्या है  जलाविशेक का सही समय जानिए   आचार्य अमित रतूडी  के साथ "गंगोत्री मेल" की खास बातचीत में।

*ॐनमः शिवाय* 
 *नमो नमस्ते सत्याय भूतानां प्रभवे नमः।* 
 *पंचवक्त्राय शर्वाय शंकाराय शिवाय च॥* 

 *सावन शिवरात्रि जलाभिषेक की तिथि और समय):* 

हर साल श्रावण मास आरंभ होते ही शिव भक्त कांवड़ यात्रा निकालने लगते हैं। कावड़ यात्रा का समापन मासिक शिवराात्रि के साथ हो जाता है। मासिक शिवरात्रि के दिन शिव भक्त पवित्र नदियों से लाया हुआ जल शिवलिंग पर चढ़ाते हैं और अपनी कामना कहते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल सावन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को सावन शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भोले बाबा का अभिषेक करने से कई गुना अधिक फलों की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं इस बार सावन शिवरात्रि पर किस समय जल चढ़ाना होगा शुभ…
 *सावन शिवरात्रि पूजा का मुहूर्त* 
रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय 2 अगस्त- रात 07:11 से रात 09:49 तक रहेगा।
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय- रात 09:49 से देर रात 12:27बजे तक रहेगा।
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय- देर रात 12:27 से 03:06 बजे तक रहेगा।
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय- 3 अगस्त की सुबह 03:06 से सुबह 05:44 बजे तक रहेगा।

 *जलाभिषेक की विधि* 

सावन शिवरात्रि के शुभ दिन पर आप सूर्योदय से पहले ही स्नान कर लें। स्नान के बाद साफ वस्त्रों को धारण करें। इसके बाद पूजा की सभी सामग्रियों को एकत्रित कर लें। फिर पूजा करना शुरू करें। सबसे पहले आप शिवलिंग का दूध, दही, शहद, घी, शक्कर, गन्ने के रस से अभिषेक करें। 

फिर आप गंगाजल में काला तिल मिलाकर 108 बार महादेव के महामृत्युजंय मंत्र का जाप करें। इसके बाद इस जल को शिवलिंग पर अर्पित कर दें। धीरे-धीरे महादेव की प्रिय चीजों को अर्पित करते जाएं। अब आप महादेव के समक्ष घी का दीपक जला लें। फिर शिव मंत्र और शिव चालीसा का पाठ करें। 

सर्वार्थ सिद्धि योग – 2 अगस्त 2024 सुबह 10 बजकर 59 मिनट से 3 अगस्त 2024 को सुबह 6 बजकर 2 मिनट तक रहेगा। *चतुर्दशी तिथि 02 अगस्त 2024 को दोपहर 03 बजकर 26 मिनट पर आरंभ होगी और 03 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 50 मिनट पर समाप्त होगी।* 
 *सर्वार्थसिद्धि योग में जलाभिषेक करना शुभ* 

 *मन्त्रार्था: सफला: सन्तु , पूर्णा: सन्तु मनोरथाः ।* 
 *शत्रूणां बुद्धिनाशोऽस्तु , मित्राणामुदयस्तव* !!
 
अर्थात् __ "आपके सभी मंत्रादित कार्य सफल हों। आपकी सभी मनोकामनाएँ पूर्ण हों। आपके शत्रुओं की बुद्धि नाश हो और आपके जीवन में अच्छे भाव वाले प्रेमी मित्रों का समागम हो। आपको तीनों दीर्घ आयु, आरोग्य, तथा ऐश्वर्य जैसा चाहो वैसी‌ प्राप्त हो। आपकी कामना मङ्गलाचरण हो , सर्वदा विजयी रहें और सौ वर्ष जिएं।"

    *तन्मे मनःशिवसंकल्पमस्तु* 
           
        







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