खुशखबरी : उत्तरकाशी में श्रीमद् भागवत शिक्षण विद्यापीठ का हुआ शुभारंभ ,पण्डित युवाओं को नहीं जाना होगा सीखने के लिए बाहर


राजेश रतूड़ी
उत्तरकाशी : उत्तरकाशी के उजेली में श्रीमदभागवत महापुराण के विद्यापीठ का शुभारंभ हो गया है जिसका विधिवत उदघाटन केदार मंदिर के महंत वैष्णव संत राघवानन्द महाराज व महामंडलेश्वर कमलेशानंद सरस्वती महाराज ने दीप प्रजवलित कर किया जिसके लिए जिले के अनेकों प्रतिष्ठित लोगों ने सराहना की है तथा विद्या पीठ खुलने पर बधाई दी है।
          आपको बताते चले अबतक उत्तरकाशी के पंडितो को श्रीमद भागवत महापुरण के मर्मज्ञ बनने के लिए बृदावन व अन्य शहरों में जाना पड़ता था अब उत्तरकाशी में ही बनेंगे भागवताचार्य  उजेली में श्रीमदभागवत महापुराण विद्यापीठ का शुभारंभ हो गया है जिसकी जानकारी विश्वनाथ संस्कृत स्नातकोत्तर महाविद्यालय उत्तरकाशी के प्राचार्य डॉ. द्वारिका प्रसाद नौटियाल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी है।
      उन्होंने बताया कि उजेली उत्तरकाशी में भगवान विश्वनाथ की काशी नगरी में  श्रीमद् भागवत शिक्षण का कार्य प्रारंभ हो गया है। उन्होंने यह कार्य स्वयं शुरू कर मंगलवार को स्वामी कमलेशानंद सरस्वती महाराज अध्यक्ष श्री दिव्य धाम आश्रम के विशाल कक्ष में कक्षाएं संचालित करनी शुरू कर दी है जिसका विधिवत उदघाटन  केदार मन्दिर के महंत ने दीप प्रजवलीत कर किया है। । विद्या पीठ के संचालन ने नगर के श्रेष्ठ भागवताचार्यों को भी शिक्षण के लिए समय समय पर आमंत्रित किया जायेगा जिससे भागवताचार्य बनने के इच्छुक पनदी  युवाओं को अब वृंदावन जाने की आवश्यकता नहीं होगी और न ही संसाधन के अभाव में अपने लक्ष्य को छोड़ना पड़ेगा। विद्यापीठ में रोकना सायंकाल में भागवत की कक्षाएं संचालित होगी जिसमें भागवत का मूल पारायण के साथ समाज उत्थान की प्ररेणा व अध्ययन करने वाले प्रशिक्षार्थियों को स्वस्थ व निरोगी रहने के टिप्स भी सिखायेंगे। 
उन्होंने बताया कि श्रीमद्भागवत पुराण को भगवान कृष्ण का साहित्यिक अवतार माना जाता है। श्रीमद् भागवत कथा सुनने से आध्यात्मिक विकास और भगवान के प्रति भक्ति गहरी होती है। श्रीमद् भागवत कथा स्वयं की प्रकृति और परम वास्तविकता के बारे में सिखाती है। 
    भागवत कथा सिर्फ मनोरंजन न बनकर रह जाये बल्कि धन लालसाएं त्याग कर समाज में मंगल व आनंद की प्राप्ति कैसे हों इसके लक्ष्य पर भी ध्यान दिया जायेगा। अब जिज्ञासों को भागवत शिक्षण प्रारंभ करने  के साथ नित्य अध्ययन निशुल्क रहेगा व प्रशिक्षार्थियों के लिए पुस्तक की व्यवस्था भी की जा रही है। यहां छात्रों को केवल समय देना है और रोज पाठ तैयार करना है। इसमें सभी ने सहर्ष स्वीकृति  दी है।  विद्या पीठ के संचालन में माधव प्रसाद नौटियाल शास्त्री, गंगेश्वर प्रसाद नौटियाल आदि का भी सहयोग मिल रहा है।
         इस अवसर पर सुभाष चन्द्र नौटियाल,  संजीव नयन बहुगुणा, गंगा विश्व धरोहर मंच के संयोजक डॉ. शंभू प्रसाद नौटियाल, कौशल किशोर महाराज, सुभाष नौटियाल जी संजय नयन बहुगुणा सहित श्रीमद्भागवत महापुराण के अध्ययन करने आये प्रशिक्षणार्थी मौजूद रहे।








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