प्रेसवार्ता : उपाध्यक्ष आपदा प्रबन्धन उत्तराखंड विनय रूहेला करेंगे उत्तरकाशी के आपदाग्रस्त क्षेत्रों का भ्रमण ,लेंगे फीडबैक

राजेश रतूड़ी
उत्तरकाशी : उपाध्यक्ष उत्तराखंड राज्य आपदा प्रवंधन विनय रूहेला  उत्तरकाशी में हुई अतिवृष्टि आपदा को लेकर जिले का भ्रमण कर रहे है । पत्रकारों से बात कर उत्तराखंड सरकार द्वारा आपदा को लेकर किए जा रहे कार्यों व आनेवाले समय  के लिए की जाने वाली  तैयारियों का का लेखा जोखा रखा।
        श्री रूहेला ने पत्रकारों को बताया कि उत्तराखंड सरकार हर मोर्चे पर जनता के साथ आपदाओं के इस दौर में खड़ी है। उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी जिले के सभी आपदाग्रस्त इलाकों का दौरा करूंगा तथा क्षेत्र के समाजिक कार्यकर्ताओं  आपदाग्रस्त लोगो से मुलाकात कर उनकी समस्याओं का समाधान निकालने की हर संभव कोशिश की जाएगी सरकार के द्वारा मानसून सत्र से पहले ही आपदा तंत्र को एकटिव मोड में रखा गया था बीच सत्र में भी समीक्षा कर जन मानस की समस्याओं का निदान किया जाएगा लोगो के स्वास्थ्य को लेकर गर्ववती विकलांग, बच्चो आदि की ट्रेसिंग की जा रही है ताकि समय पर सबको सुविधाएं मुहैया कराई जा सके। आवाजाही को लेकर पुलो से लगे नले, गधरे ,बिजली के पोलों तारो आदि की चर्चा कर उन्हें जल्दी ठीक करने के निर्देश दिए जाएंगे आनेवाले समय में कोई दुघटना न घटित हो इसको लेकर प्रदेश आपदा प्राधिकरण एकटिव मोड रहेगा जिसको लेकर सूबे के मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को आदेश जारी किए है।  जिले के गंगोत्री,यमुनोत्री धाम सहित अन्य जगहों पर आयी आपदा को लेकर प्रशासन ने तरित गति में काम कर जन सामान्य का जीवन सुरक्षित करने का काम किया है।

भटवाड़ी व धोत्री तासीलों में महीनों में होते है तहसीलदार व एसडीएम  के दर्शन , भटवाड़ी तहसील में तो एसडीएम का कार्यालय ही नहीं है

पत्रकारों ने उपाध्यक्ष उत्तराखंड आपदा प्रबन्धन को पूछा कि दुरस्त तहसील भटवाड़ी उप तहसील धोंत्री आदि में राजस्व विभाग के कर्मचारी हीं नहीं रहते है। भटवाड़ी तहसील में केवल गीनेचुने कर्मचारी ही रहते है कई मौकों पर तो केवल पीआरडी व होमगार्ड के जवानों के भरोसे चलती है भटवाड़ी तहसील ,तहसीलदार व एसडीएम भटवाड़ी के महीनों दर्शन नहीं होते है दोनों अधिकारी जिला मुख्यालय में कैंप कार्यालय बनाकर रहते है। चोकाने वाली बात तो यह है कि उत्तराखंड प्रदेश की भटवाड़ी एक ऐसी तहसील है जहां पर एसडीएम का कार्यालय ही नहीं है फिर सूवे के मुखिया और मंत्री का योजनाओं के धरातल पर उतारे जाने की बात का दावा करना किसी बेईमानी से कम नहीं होगा। इन सभी तीखे सवालों के जवाब में उपाध्यक्ष आपदा प्रवन्धन ने कोई ठोस जवाब नहीं दिया जानकारी न होने का बहाना बनाकर पल्ला झाड़ दिया। अब देखना यह होगा कि इस और कोई ध्यान देगा या  फिर सरकारी अमला यू ही सब कुछ ठीक ठाक होने का दावा करते रहेंगे। 








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