हमेशा के लिए चिर निंद्रा में सो गई टकनौर क्षेत्र की आवाज :,दिवंगत जगमोहन रावत को नम आंखों से सैकड़ों लोगों ने दी विदाई

राजेश रतूड़ी
भटवाड़ी/उत्तरकाशी :  उत्तरकाशी जिले के सीमांत क्षेत्र भटवाड़ी प्रखंड के पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख और वरिष्ठ नेता जगमोहन रावत जी के आकस्मिक निधन के बाद उनके पैतृक घाट पर पूरे सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। कल रात हृदय गति रुकने के कारण उनका निधन हो गया। जैसे ही यह दुखद समाचार क्षेत्र में फैला, सुबह से ही उनके निज आवास ग्राम बारसू में शोक व्यक्त करने वालों का तांता लग गया।
           दोपहर 12 बजे उनके पार्थिव शरीर को  बारसू से पाला होते हुए स्वारीगाड़ स्थित पैतृक घाट तक लाया गया। इस दौरान लोगों ने "जब तक सूरज चांद रहेगा, जगमोहन तेरा नाम रहेगा" के नारों से उन्हें श्रद्धांजलि दी। उनके पुत्रों ने मुखाग्नि देकर उनका अंतिम संस्कार किया। नेता जगमोहन रावत को अंतिम विदाई देने के लिए क्षेत्र के विभिन्न गांवों से भारी संख्या में लोग पहुंचे।

       अन्तिम विदाई देने वालो में गंगोत्री विधानसभा के विधायक सुरेश चौहान, पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण, भाजपा नेता सूरतराम नौटियाल, जगमोहन रावत, घनानंद नौटियाल, मुनेन्द्र सिंह रावत, राजकेंद्र थनवान,  सहित कई जनप्रतिनिधि और क्षेत्रीय लोग मौजूद रहे।

दिवंगत जगमोहन रावत का क्षेत्र व समाज के लिए योगदान

नेता जगमोहन रावत टकनौर क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं के लिए जूझते रहे इनका नाम क्षेत्र के कई आंदोलन में अग्रणीय रहा है।
उत्तराखंड राज्य आंदोलन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका और क्षेत्रीय विकास के प्रति अटूट प्रतिबद्धता सदैव स्मरणीय रहेगी। वे एक प्रखर वक्ता कुशल राजनेता होने के साथ-साथ आधुनिक कृषक भी थे। व्यवसाय और उद्यान के क्षेत्र में नवाचार लाकर उन्होंने क्षेत्रीय लोगों के लिए प्रेरणास्रोत के रूप में अपनी पहचान बनाई। दयारा बुग्याल के विकास में उनका योगदान अद्वितीय रहा है, अपनी सोच और मेहनत से इस क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

स्मैक के साथ इंद्रा कालोनी उत्तरकाशी का 1 युवक पुलिस के हत्थे चढ़ा

सुक्की टॉप के पास यूटिलिटी वाहन दुर्घटनाग्रस्त एक की मौत तीन घायल

सड़क हादसा : गंगनानी के समीप :बस दुर्घटनाग्रस्त 27 लोग सवार